वरना इस उम्र में हमने क्यों ऐसा सोचा होगा। हमने क्यों ऐसा सोचा... वरना इस उम्र में हमने क्यों ऐसा सोचा होगा। हमने क्यों ऐसा सोचा...
बचपन की भी यादें कैसी यादें थी इक मिट्टी का घर बनाया करता था। बचपन की भी यादें कैसी यादें थी इक मिट्टी का घर बनाया करता था।
दोपहर को जब है खाना बनता, मिर्ची का लाल रंग हाथों में उमड़ता दोपहर को जब है खाना बनता, मिर्ची का लाल रंग हाथों में उमड़ता
स्वच्छ गगन में विचरण करता हरियाली में सोता हूँ स्वच्छ गगन में विचरण करता हरियाली में सोता हूँ
चहचहाना तेरी खूबी क्यों शांत बैठती हो। चहचहाना तेरी खूबी क्यों शांत बैठती हो।
जीत लूँगी इस दुनिया को जीत लूँगी इस दुनिया को